मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसी हो – विदुषी वैष्णवी
- घौरोठ में चल रही भागवत कथा ने लिया विश्राम
गभाना। क्षेत्र गांव घौरोठ में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन बुधवार को बाल व्यास विदुषी वैष्णवी ने सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो विपत्ति में साथ दे। सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र को दुखी देखकर उसकी मदद करे, यही सच्ची मित्रता होती है। कृष्ण भगवान ने सुदामा के एक मुठ्ठी चावल खाये और बदले में उसे एक लोक का राजा बना दिया। कृष्ण और सुदामा की मित्रता निस्वार्थ थी। उन्होंने सुदामा की गरीबी को देखते हुए उसकी मदद की। उन्होंने कहा कि कृष्ण सुदामा के चरित्र ने समाज को अद्धभुत मैत्री का संदेश दिया है। जब तक प्रत्येक व्यक्ति परस्पर दूसरे व्यक्ति और प्रकृति के प्रति संवेदनशील नही होगा तब तक समाज में प्रेम व्यवहार युक्त वातावरण नही होगा। इस दौरान कथा के बीच-बीच में भजनों पर भक्तजन झूमते हुए नजर आये।
समापन पर आयोजकों ने बाल व्यास को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र भेंट कर विदाई दी। आयोजन में बबलू शर्मा, बिजेंद्र पाल सिंह, प्रदीप कुमार, अंगद सिंह, डिप्टी सिंह, संदीप सिंह, रवेंद्र सिंह, देवराज सिंह, बंटी सिंह, गुलशन, तन्नु बाबू, रामप्रकाश, हरिकेश, यश, समर, देव, कुंज आदि का सहयोग रहा।