शिव की महिमा सुन बोल बम के जयघोष से गूंज उठा कथा स्थल
इगलास। कस्बा के अलीगढ़ मार्ग स्थित ओम गेस्ट हाउस में आयोजित नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का सातवां दिन व्यासपीठ से आचार्य अनंतदास महाराज ने भगवान शिव के अद्भुत और प्रेरक प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भोलेनाथ जलधारा से ही प्रसन्न हो जाते हैं। समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला तो उसको भोलेनाथ ने ही ग्रहण कर लिया। विष की गर्मी को शांत करने के लिए ही भगवान भोलेनाथ को अविरल जलधारा से शांति मिलती है। श्रद्धालुओं ने एकाग्रचित्त होकर सुना और हृदय से अनुभव किया।
महाराज ने सर्वप्रथम जलंधर उद्धार की कथा सुनाई। इसके बाद हनुमान अवतार प्रसंग में बताया कि शिवजी ने ही वानर रूप में हनुमान के रूप में अवतार लिया था ताकि श्रीराम के कार्य में सहायक बन सकें। यह कथा सुनकर पंडाल जय श्रीराम और बोल बम के जयघोष से गूंज उठा। अंत में द्वादश ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ये शिव के बारह स्वरूप हैं, जो देश के विभिन्न भागों में स्थित हैं। हर एक ज्योतिर्लिंग की कथा, महत्व और चमत्कारिक प्रभाव का वर्णन करते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा के दौरान भजन-कीर्तन और शिव स्तुति से माहौल भक्तिमय बना रहा। आयोजको ने बताया कि बुधवार को कथा का विश्राम दिया जाएगा। गुरुवार को पूर्ण आहुति होगी।