माताओं ने पुत्रों की दीर्घायु के लिए रखा अहोई अष्टमी का व्रत
पुत्रों की दीर्घायु, उन्नतिवसुख-समृद्धि के लिए गुरुवार को महिलाओं ने अहोई अष्टमी का व्रत रखा। सुबह से ही महिलाओं में व्रत को लेकर काफी उत्साह था। महिलाओं ने इस अवसर पर पारंपरिक अनुष्ठान के साथ अहोई माता की कथा का गुणगानकिया। कथा सुनकर अपना व्रत पूर्ण किया। इस व्रत में महिलाओं ने अहोई माता की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की।
व्रत के लिए सभी महिलाएं सुबह से ही अहोई माता की पूजा की तैयारियों में जुटी हुई थी। महिलाओं ने अहोई माता की दीवार पर तस्वीर काढ़कर या बाजार से तस्वीर लाकर उसके सामने पानी, अनाज की दो कमोईयां भरकर व पूजा की थाली में दीप जलाकर अहोई माता की पौराणिक कथाओं का श्रवण किया। कथा सुनने के बाद अहोई माता से अपने पुत्रों की सलामतीव दीर्घायु की प्रार्थना की। महिलाओं ने अपनी सास को वस्त्र व फल उपहार के रूप में देकर पुत्रों की दीर्घायु के लिए आशीर्वाद लिया। सायंकाल को तारे देखने के बाद अर्घ देकर अपना उपवास खोला।
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