गभाना क्षेत्र के स्कूलों में धूमधाम से मनाई गई महाराणा प्रताप की जयंती
गभाना। क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में गुरुवार को महान योद्धा और अद्भुत शौर्य व साहस के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484 वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान महाराणा प्रताप को नमन कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके मार्गदर्शन पर चलने का संकल्प लिया गया।
सोमना मोड़ स्थित जसराम सिंह सरस्वती इंटर कॉलेज में शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने महाराणा प्रताप के छविचित्र पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य भुवनेश कुमार सिंह ने कहा कि त्याग, बलिदान और स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन की गाथाओं से प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में सुधार लाने की सीख मिलती है, उन्होंने अपनी मां से युद्ध कौशल सीखा था। उनका संघर्ष हमेश से युवाओं को प्रेरणा देता रहा है। यहां पर पूजा सिंह, संतोष कुमार, केंद्रपाल सिंह, निशा सिंह, मुनेश कुमार, अवधेश कुमार, अभिषेक कुमार, रेनू सिंह,जितेंद्र कुमार, उमेश कुमार,अनिल कुमार, संजीव शर्मा, निशा जाखड़, अजय प्रताप सिंह, गजेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।नगर के केशव कुंज स्थित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल में महाराणा प्रताप की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। यहां पर प्रधानाचार्य शिवकांत रावत ने कहा कि महाराणा प्रताप ने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण की सेवा में लगा दिया। वें एक महान योद्धा थे और युद्ध करने के पहले वह दुश्मन के सभी प्रहारों को भली-भांति जानते थे। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप करोड़ों लोगों के लिए किस प्रकार प्रेरणा स्त्रोत हैं, जिन्होंने अकबर द्वारा दिया गया प्रस्ताव की आधा हिंदुस्तान तुम्हें दिया जाएगा को भी ठुकरा दिया था। इस दौरान राजीव शर्मा, हरिपाल सिंह, जितेंद्र सिंह राघव, गजेंद्र सिंह राघव, राजकुमार कुशवाह, अजय सिंह, श्याम सिंह, करन माहौर, सुनीता गौड़, रजनी शर्मा, उर्मिला सिंह, रूबी सिंह, गीतांजली, मनवीर सिंह, हरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
कस्बा के सरस्वती पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानाचार्य कुलदीप सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप 200 किलो से भी ज्यादा वजन उठाकर लड़ते थे और जिन्हें 30 वर्षों के प्रयास में भी मुगल सम्राट अकबर बंदी नहीं बना सका। बच्चों को उनकी तरह वीर, साहसी और निडर होना चाहिए। उनकी तरह शक्तिशाली, शूरवीर और दृढ़ संकल्पी होना चाहिए, जिन्होंने कभी किसी के आगे सर नहीं झुकाया और ही हार मानी। यहां रमा सिंह, योगेश पालीवाल, कृष्णा सिंह, सुनीता सिंह, कविता सिंह, कुसुम देवी, सोमवती गुप्ता, रवि कुमार, अंकित सिंह, अर्जुन सिंह, गुंजन सिंह, हेमा सिंह, नीतू सिंह, सौम्या सिंह, सुमन, आरती, रितु, स्वाती सिंह, मुस्कान, दीक्षा, मंजू देवी, देवेन्द्र सिंह, गरिमा सिंह आदि मौजूद रहे।